रामायण में अपने कुंभकर्ण के बारे में तो सुना होगा

उसकी विशिष्टता थी कि वो महीनों-महीनों तक सोता रहता था

आज जानते हैं कि कुंभकर्ण कितने दिनों के लिए जागता था

दरअसल, एक बार कुंभकर्ण ने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की

ब्रह्मा जी ने तपस्या से प्रसन्न होकर उसे एक वरदान दिया

कुंभकर्ण ब्रह्मा जी से इंद्र का राज सिंहासन मांगने वाला था

मगर वरदान मांगते वक्त माता सरस्वती उसकी जिव्हा पर बैठ गईं

इस वजह से कुंभकर्ण ने इंद्रासन की जगह निद्रासन मांग लिया

ब्रह्मा जी ने उसे यह वरदान दे दिया

इसलिए, कुंभकर्ण 6 माह तक गहरी निद्रा में सोता और केवल एक दिन के लिए जागता था.