'मैं केस और फेस कभी नहीं भुलता हूं'
'गर्म-जोशी अच्छी चीज है...लेकिन अगर हद से बढ़ जाए तो खुद को जला देती है'
'गाड़ी चाहे कितनी भी तेज हो ... उसे रोकने के लिए एक कील काफी है'
'देश से वफ़ादारी किसी एक शख्स से गद्दारी से कहीं ज़्यादा बढ़कर होती है'
'गुफा में अंधेरा कितना ही हो ... किनारे पर रोशनी जरूर होती है'
'जुर्म के रास्ते कितने भी मखमली क्यूं न हूं... खत्म तो जेल के कंबल में ही होते हैं'