झारखंड के बैजनाथ धाम में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है

कहा जाता है कि इसके पास का तालाब रावण के मूत्र की वजह से बना था

स्थानीय लोगों में इसको लेकर एक कहानी प्रचलित है

एक बार रावण भगवान शिव को लंका ले जाने की जिद में था

भगवान शिव रावण की बात मान गए मगर उन्होंने एक शर्त रखी

अगर शिवलिंग को रास्ते में कहीं रख दिया गया तो वो कभी नहीं उठेगा

इस पूरी घटना से घबराएं देवताओं ने विष्णु भगवान से मदद मांगी

लंका के रास्ते में रावण को लघुशंका के लिए रुकना पड़ा

तभी भगवान विष्णु बच्चे के रुप में वहां आए

रावण बच्चे को शिवलिंग थमाकर लघु शंका करने चला गया

मगर रावण जब वापस लौटा तो बच्चा यानी विष्णु उसे जमीन रखकर चले गए

शर्त अनुसार रावण शिवलिंग नहीं उठ पाया और उस शिवलिंग की ही इस धाम में पूजा होती है

जहां रावण ने पेशाब की थी, वहां तालाब बन गया था