गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है. यह ऋग्वेद से लिया गया है और इसे 'वेदों का सार' माना जाता है.



मंत्रों में गायत्री मंत्र को सबसे प्रभावशाली माना गया है.



पौराणिक कथाओं की माने तो जब ब्रह्म देव सृष्टि की रचना कर रहे थे तब उन पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था.



ब्रह्मदेव ने ही सर्वप्रथम गायत्री माता की आराधना की और अपने मुख से गायत्री मंत्र का जाप किया था.



गायत्री मंत्र का प्रयोग उन लोगों को जरूर करना चाहिए जो शिक्षा के छेत्र में आगे बढ़ना चाहते है.



क्योंकि गायत्री मंत्र को शिक्षा एकाग्रता और ज्ञान के छेत्र में सर्वश्रेष्ठ इस्थान मिला हुआ है.



*गायत्री मंत्र करते समय इन नियमों को अपनाना चाहिए.



*गायत्री मंत्र का जाप प्रातः कल यानी सूर्य उदय से थोड़ी देर पहले और सूर्यास्त के थोड़ी देर बाद का होता है.



*गायत्री मंत्र करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए.