होली रंगों का त्योहार है, लेकिन इस दिन ही भांग पीने का इतना क्रेज क्यों है?

होली रंगों का त्योहार है, लेकिन इस दिन ही भांग पीने का इतना क्रेज क्यों है?

वैसे तो हिंदू धर्म में भांग का कई बार जिक्र होता है. महाशिवरात्रि के दिन भी भांग का प्रसाद लगाया जाता है

वैसे तो हिंदू धर्म में भांग का कई बार जिक्र होता है. महाशिवरात्रि के दिन भी भांग का प्रसाद लगाया जाता है

भांग की ज्यादातर मान्यताएं भगवान शिव से जुड़ी हुई हैं

भांग की ज्यादातर मान्यताएं भगवान शिव से जुड़ी हुई हैं

समुद्र मंथन में निकला विष गर्म था, जिसे भागवान शिव ने अपने गले से नहीं उतारने दिया

समुद्र मंथन में निकला विष गर्म था, जिसे भागवान शिव ने अपने गले से नहीं उतारने दिया

ये गर्म भी था, इसलिए भगवान शिव कैलाश पर्वत लौट गए और विष की गर्मी दूर करने के लिए भांग का सेवन किया

ये गर्म भी था, इसलिए भगवान शिव कैलाश पर्वत लौट गए और विष की गर्मी दूर करने के लिए भांग का सेवन किया

हिंदू मान्यताओं की मानें तो ये भांग भगवान शिव और भगवान विष्णु की मित्रता का प्रतीक है

हिंदू मान्यताओं की मानें तो ये भांग भगवान शिव और भगवान विष्णु की मित्रता का प्रतीक है

दरअसल होली पर हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद भगवान विष्णु का क्रोध शांत नहीं हुआ

दरअसल होली पर हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद भगवान विष्णु का क्रोध शांत नहीं हुआ

तब शिव जी ने शरभ अवतार लेकर विष्णु जी को परास्त किया और विष्णु जी ने अपना छाल शिवजी को अर्पित कर दिया

तब शिव जी ने शरभ अवतार लेकर विष्णु जी को परास्त किया और विष्णु जी ने अपना छाल शिवजी को अर्पित कर दिया

इस जीत को शिवगणों ने उत्सव के तौर पर मनाया और भांग पीकर मतवाले होकर नाचने लगे

इस जीत को शिवगणों ने उत्सव के तौर पर मनाया और भांग पीकर मतवाले होकर नाचने लगे

तब ही से होली पर धरतीवासी भांग की ठंडाई पीने के बाद झूम-झूमकर नाचते हैं

तब ही से होली पर धरतीवासी भांग की ठंडाई पीने के बाद झूम-झूमकर नाचते हैं