महाराणा प्रताप भारत के महान शूरवीर सपूतों में से एक थे उनके और अकबर के बीच हुआ हल्दीघाटी का युद्ध आज भी याद किया जाता है दरअसल, अकबर मेवाड़ को अपने साथ मिलाना चाहता था उस समय मेवाड़ के राजा थे महाराणा प्राताप अकबर ने कई बार दूत भेजकर मेवाड़ को अपने खेमे में मिलाने की कोशिश की अकबर महाराणा प्रताप को दोस्त बनाना चाहता था लेकिन महाराणा प्रताप ने अकबर की दोस्ती को ठुकरा दिया उन्हें अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं थी उन्होंने मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाइयां लड़ी थीं कहा जाता है कि महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर की आंखें भी नम हो गई थीं