दुख भरी बातें करने से एक दूसरे के प्रति संवेदनशील और समझदार बनते हैं

अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने से ईमानदारी और विश्वास बढ़ता है

दुख के समय में एक दूसरे का साथ देने से सहानुभूति बढ़ती है

मुश्किलों में बातचीत करने से रिश्ता मजबूत होता है

अपनी कमजोरियों और गलतियों को स्वीकार करने से आपसी सम्मान का भाव बढ़ता है

एक दूसरे की भावनाओं को समझने और क्षमा करने से रिश्ते में सकारात्मकता होती है

दुख भरी बातों से आप एक दूसरे के प्रति अधिक संवेदनशील बनते हैं

मुश्किलों से सीखने और उनसे आगे बढ़ने से विकास होता है

दुख भरी बातों से आप एक दूसरे की भावनाओं के प्रति प्रशंसक बनते हैं

दुख भरी बातों से आप एक दूसरे की भावनाओं के प्रति प्रशंसक बनते हैं