आपका न कोई दोस्त है और न ही दुश्मन
काम के हिसाब से ही लोग आपके दोस्त या दुश्मन बनते हैं.


अपने समय मूर्ख को समझाने में, दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने में
दुखियों-रोगियों के साथ रहने पर आप कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे.


दुष्ट पत्नी, चालाक मित्र, जवाब देने वाला नौकर और सांप वाले घर में रहने से
नुकसान होना तय है, इसलिए फौरन ऐसी जगह को छोड़ दें.


जिस जगह सम्मान न हो, उस स्थान पर बुलाने पर भी न जाएं.



ऐसे मित्र को अभी त्याग दें जो कभी भी दूसरों का भला नहीं चाहता.
क्योंकि उसके लिए आप भी अपने नहीं है.


पुत्र वही है, जो पिता भक्त हो
पिता वही है, जो पोषक है.



मूर्खता कष्ट है, जवानी भी कष्ट है
लेकिन इससे भी ज्यादा कष्टकारी दुसरों के घर में रहना है.


कभी भी अपनी गुप्त बातें किसी के साथ साझा न करें
ऐसा करने से सामने वाले को आपकी कमजोरी पता चल सकती है.


कभी भी सोचे हुए काम को तब तक न बताएं
जबतक की आप उस चीज को हासिल न कर लें.


ज्यादा आराम हराम है
ये आपको कमजोर बना सकता है.