आस्था का महापर्व इस साल 5 नवंबर को शुरू होने जा रहा है.



छठ का पहला दिन नहाए खाए का होता है.



इस दिन छठ करने वाली महिलाएं स्नान करने के बाद सात्विक भोजन को ग्रहण करती है.



छठ से पहले ही घर में प्याज-लहसुन युक्त खाना नहीं बनता है.



नहाए खाए वाले दिन लौकी की सब्जी और चने की दाल को पकाया जाता है.



इस प्रसाद को खाने के बाद से ही छठ व्रत की शुरुआत होती है.



गांव में नहाए खाए के लिए मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग किया जाता है.



कद्दू और भात का सेवन पेट, मन, वचन और आत्मा को शुद्ध करने का काम करता है.



कोई भी ऐसे बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता जिन में तामसिक या प्याज-लहसुन वाला खाना बना हो.



नहाए खाए के बाद खरना से लेकर सुबह के अर्घ तक महिलाएं उपवास में रहती है.