इस्लाम धर्म में नमाज पांच अनिवार्य स्तंभों में से एक है, जिसे इस्लाम का चेहरा भी कहा जाता है.



कुरान के मुताबिक नमाज अदा करना एक सच्चे मुसलमान की पहचान है.



नमाज के प्रत्येक हिस्से खड़े होना, झुकना, सजदा करना, और बैठना शामिल है.



इस्लाम धर्म के मुताबिक जब बच्चा 7 साल का हो जाए तो उसे नमाज करने के महत्व के बारे में बताया जाना चाहिए.



नमाज अदा करने से पहले वुजू करना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से शरीर के साथ आत्मा भी शुद्ध होती है.



भारतीय मुसलमान अल्लाह की इबादत करने के लिए नमाज करते हैं.



अरब देश में नमाज को सलाह कहते हैं.



इंडोनेशिया में नमाज को सोलात कहते हैं.



मलेशिया में नमाज को सेम्बाहयांग कहते हैं.



ईरान में नमाज को सलात कहते हैं.