नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा आराधना की जाती है.



कालरात्रि की उपासना करने से सभी तरह की असुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है.



मां कालरात्रि को संकट हरने वाली देवी कहा जाता है.



गर्दभ पर सवार मां कालरात्रि के बाल खुले और हाथों में वरमुद्रा, लोहे का कांटा और खड्ग होता है.



मां कालरात्रि को भोग में गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने से मां खुश होती है.



मां कालरात्रि ने रक्तबीज को मारने के बाद उसका रक्त पिया था.



नवरात्रि के दिन मां कालरात्रि पृथ्वी पर विचरण कर बुरी शाक्तियों का खात्मा करती है.



मां कालरात्रि की पूजा-आराधना करने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नष्ट होता है.



मां काल रात्रि को प्रसन्न करने के लिए आप इन मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं.



या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।