ऋग्वेद में गाय को अघन्या कहा गया है, जिसका अर्थ है जिसका वध नहीं करना चाहिए.



ऋग्वेद में गाय को ईश्वर की उपाधि दी गई है.



इसीलिए गाय को सबसे पवित्र पशु माना जाता है.



ऋग्वेद में गाय को गौमाता भी कहा गया है



गाय को सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है.



ऋग्वेद में गाय के सींग के मूल में ब्रह्मा और विष्णु के निवास के बारे में वर्णन है.



ऋग्वेद में गाय के दूध को मन को शुद्ध करने वाला बताया गया है.



ऋग्वेद में गाय के सिर के बीच संपूर्ण संसार के साथ भगवान शिव का निवास है.



गाय के दूध से निर्बल व्यक्ति शक्तिशाली बनता है.