सनातन हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

आज भी लोग बड़ों-बुजुर्गों के पैर छूकर उनके शुभाषीश व आशीर्वाद लेते हैं.

ऋषि-मुनियों और पुराने समय में बनाई पैर छूने की परंपरा में कई लाभ छुपे हैं.

माना जाता है कि जब हम पैर छूने के लिए झुकते हैं तो हमारे भीतर नम्रता और आदर भाव जागृत होता है.

चरण स्पर्श के बाद हमें जो आशीष मिलता है उससे हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

ज्योतिष के अनुसार बड़े बुजुर्गों के पैर छूने पर प्रतिकूल ग्रहों का प्रभाव भी अनुकूल हो जाता है.

दादी, नानी, चाची, मौसी आदि के पैर छूने से चंद्र दोष दूर होता है.

ज्योतिष के अनुसार बड़े भाई के पैर छूने से मंगल दोष दूर होता है.

बड़ी भाभी के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करने से इससे कुंडली में शुक्र मजबूत होता है.

सेहत के लिए भी पैर छूना लाभदायक होता है. इससे शारीरिक कसरत होती है और रक्त प्रवाह बढ़ता है.