मेघना गुलजार की फिल्म सैम बहादुर ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है

फिल्म में दूसरे विश्व युद्ध से पहले और 1971 के भारत पाक युद्ध तक के दौर को दिखाया गया है

फिल्म के प्रोडक्शन डिजाइनर सुब्रत चक्रवर्ती और अमित रे ने उस दौर को क्रेडेबल तरीके से दिखाने का काम किया

मेकर्स की ओर से दोनों डिजाइनर्स को इस बात को लेकर क्लियर इंस्ट्रक्शंस मिले थे

बर्मा के दौर को क्रिएट करने के लिए लोकेशन ढूंढना बहुत मुश्किल रहा

आखिर में लोनावला में वैसी ही लोकेशन मिली

डिफेंस की ओर से फिल्म को पूरा सहयोग मिला

ऊटी स्थित सैम मानेकशॉ के रियल घर पर भी शूटिंग हुई

फिल्म में प्रोडक्शन डिजाइन का बजट 15 से 17 करोड़ के बीच रहा

फिल्म 17 शहरों के साथ 40 लोकेशंस पर 110 दिनों में शूट हुई