समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार



भारत में काफी समय तक अपराध की श्रेणी में रही समलैंगिकता



1987 में पहली बार भारत में सामने आया समलैंगिक विवाह



मध्य प्रदेश की दो महिला पुलिसकर्मी उर्मिला श्रीवास्तव और लीला नामदेव ने रचाई शादी



गंधर्व रीति-रिवाज से हुई थी उर्मिला और लीला की शादी



उनके सुपरवाइजिंग ऑफिसर ने दोनों महिलाओं को कर दिया था सेवा से बर्खास्त



इस जोड़े की बहादुरी से प्रेरित हुआ था LGBTQIA+ आंदोलन



समाज ने की थी दोनों पुलिसकर्मियों की शादी की निंदा



LGBTQIA+ समुदाय ने किया था इस शादी का समर्थन



अखबारों में इस विवाह के 'लेस्बियन कॉप्स' के नाम से हुए थे चर्चे