हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है.

पौष माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी इस बार 22 दिसंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी. यह साल की अंतिम चतुर्थी है.

संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की सच्चे मन से पूजा करने पर संकटों का नाश होता है. इस दिन कुछ उपाय जरूर करें.

केले के पत्ते में रोली से त्रिकोण बनाकर दीपक रखें. पत्ते के मध्य मसूर की दाल और लाल मिर्च रखें. अब अग्ने सखस्य बोधि नः मंत्र का जाप करें.

इस दिन इस मंत्र का जाप करें. कृपा करो गणना, प्रभु-शुभता कर दें साथ। रिद्धि-सिद्धि शुभ लाभ, प्रभु, सब हैं तेरे पास।।

कार्य में सिद्धि पाने के लिए भगवान गणेश को गेंदे के फूल अर्पति करें. मोदक के साथ गुड़ का भोग लगाएं.

ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे सभी बाधाएं दूर होती हैं.

भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए उन्हें नियमित रूप से दूर्वा और मोदक भेंट करें.

दूर्वा अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करें.

इससे गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.