सावन के महीने में कुछ ऐसे श्लोक और मंत्र हैं जिनका पाठ करने से मन को शांति मिलती है.



सावन में इन मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है.



ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥



हिंदी में इसका अर्थ है- हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं. जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं.



ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।



इसका अर्थ है- त्रिकाल ज्ञाता महापुरुष देवो के देव महादेव, मुझे अपने अस्तित्व और आस्था में विलीन होने दे ।



ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे



संसार के आधार परब्रह्म, देवी सरस्वती, अधिष्ठात्री देवी महामक्ष्मी, महाकाली तथा अभिन्नरूपा चामुण्डा को नमस्कार है, पूर्ण समर्पण है.



इन सभी मंत्रों का जाप करने से आपको सुख-शांति की प्राप्ति होती है.