जमीन के अंदर जैसे-जैसे गहराई में जाते हैं

तो तापमान बढ़ता चला जाता है

एक समय आता है कि जमीन के अंदर मौजूद चट्टानें गर्म होकर गल जाती हैं

इससे चट्टानें तरल हो जाती हैं

चट्टानों की इस अवस्था को जमीन के अंदर मैग्मा कहते हैं

जमीन के अंदर रेडियोएक्टिव तरंगे भी निकलती हैं

जिससे तापमान बढ़ जाता है और चट्टानें पिघलकर तरल हो जाती हैं

इसके अलावा जमीन में चट्टानें स्थिर नहीं बल्कि गतिशील अवस्था में हैं

ऐसे में जब दो चट्टानें आपस में टकराती हैं

तो उससे भी उनका हिस्सा पिघलकर तरल हो जाता है और मैग्मा बन जाता है

यही मैग्मा दरारों से या चट्टानों को तोड़कर धरती के बाहर आता है और ऐसे ज्वालामुखी प्रक्रिया होती है