डोंट अंडर एस्टीमेट द पावर ऑफ अ कॉमन मैन
कभी कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है... और हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं
हम शरीफ क्या हुए... पूरी दुनिया ही बदमाश बन गई
प्यार दोस्ती है...
ओह जी झप्पियां तक ते ठीक है ...पर पप्पियां भी मारते रहेंदे हैं मैनु
कौन कम्बख्त बरदाश्त करने को पीता है... हम तो पीते है की यहां पर बैठ सकें, तुम्हें देख सकें, तुम्हें बर्दाश्त कर सकें
डरे हुए लोग अक्सर अल्फाज़ों के पीछे छुपते हैं