ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि
पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस दिन सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था.


शनि देव तीनों लोकों के
न्यायाधिपति है और ग्रहों में सबसे बड़े हैं शनिदेव.


शनि धीमी गति वाले ग्रह हैं और
अपनी तीसरी, दशमी और सातवीं दृष्टियों से शुभता और कोप दोनों ही बरसाते हैं.


ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि
को ही सूर्य देव और छाया की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ.


इस बार ज्येष्ठ माह की अमावस्या
शनि जन्मोत्सव 19 मई, 2023 शुक्रवार को है.


इस बार शनि जन्मोत्सव पिता
सूर्यदेव के कृतिका नक्षत्र और वट सावित्री व्रत एक ही दिन पड़ रहा है.


इस प्रकार यह दिन शनि पीड़ा से
मुक्ति के साथ ही सुख समृद्धि और वैभव को प्राप्त करने वाला सिद्ध होगा.


जिन लोगों पर शनि का प्रकोप
चल रहा है, वे इस दिन का फायदा उठाते हुए शनिदेव की विशेष पूजा अर्चना करें.


ज्येष्ठ मास की अमावस्या प्रारंभ
तिथि 18 मई 2023 रात 9:43 से दूसरे दिन यानि 19 मई रात 9:23 तक रहेगी.


इस दिन पतिव्रता महिलाएं पति
की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखकर बरगद की पूजा करें.