भारत के एक शहर में मां काली का एक खास मंदिर है.



यहां प्रतिष्ठित मूर्ति की खास बात ये है कि



माता के शीश पर असली मुंड (यानी की असली खोपड़ी) विराजमान है.



कहा जाता है कि, ये मंदिर 400 साल पुराना है.



मंदिर में मां की सेवा में एक बंगाली परिवार की दूसरी पीढ़ी करती है.



मंदिर के पुजारी इस बात का दावा करते हैं कि,



मंदिर के प्रांगण में रात के समय पायलों की आवाज भी सुनाई देती है.



मां काली के इस मंदिर के प्रांगण में कोई भी सो नहीं सकता है.



यहां कोई सोता है तो मां का विकराल रूप देख कर भाग जाता है.



कहते हैं कि मां काली का ये मंदिर शमशान के ऊपर बना हुआ है.