इस दिन काले तिल तथा काली गाय के दान का विशेष महत्व है.
षटतिला एकादशी पूजन कथा व्रत विधि प्रातः स्नान करके श्रीकृष्ण - इस नाम मंत्र का जप करें, दिनभर उपवास रखें.
रात्रि में जागरण तथा तिल से हवन करें. भगवान का पूजन कर इस मंत्र से अर्घ्य दे - 'सुब्रह्मण्य नमस्तेअस्तु महापुरुषपूर्वज.गृहाणार्घ्य मया दत्तं लक्ष्म्या सह जगपत्ये'.
पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 27 जनवरी को रात 02:16 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 28 जनवरी की रात 11: 35 मिनट पर समाप्त होगी. इसी दिन व्रत रखा जाएगा.
एकादशी व्रत का पारण 29 जनवरी 2022, शनिवार को सुबह 07:11 मिनट से सुबह 09 : 20 मिनट तक कर सकते है.
इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. टतिला एकादशी पर तिल का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है.
इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और रोग, कष्ट से आदि से निजात मिलती है.
इस दिन 6 तरह से तिल का प्रयोग करना शुभ माना गया है. तिल को सेहत के लिए भी लाभकारी माना गया है.
एकादशी व्रत सदैव दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद से शुरू हो जाता है और द्वादशी के दिन व्रत का पारण किया जाता है.