पुराणों के अनुसार जिस दिन शिव जी की तीसरी आंख खुल गई उस दिन सृष्टि खत्म हो जाएगी. शिव जी की तीसरी आंख का एक रहस्य ये भी है कि सृष्टि को बचाने के लिए ही शिव ने पहली बार तीसरी आंख खोली थी. एक बार कैलाश पर सभा चल रही थी, जिसमें देवता, ऋषि-मुनि सभी उपस्थित थे. देवी पार्वती ने वहां आकर भगवान शिव की दोनों आंखों पर हाथ रख दिए. इसके बाद संसार में अंधकार छा गया. भगवान शिव व्याकुल हो उठे. इसके बाद उन्होंने माथे पर ज्योतिपुंज प्रकट किया, जिससे सृष्टि में वापस रोशनी लौट आई. इस ज्योतिपुंज को शिव की तीसरी आंख कहा गया. शिव ने पावती जी को बताया की उनकी तीसरी आंख जगतपालनहार हैं. शिव जी की तीसरी आंख सबसे शक्तिशाली मानी जाती है. इससे वो भूत, भविष्य और वर्तमान को देख सकते हैं. शिव जी अपनी तीसरी आंख बंद रखते हैं और तब ही खोलते हैं जब विनाश का समय होता है.