सावन में जल चढ़ाने का बहुत महत्व है.



सावन में हर दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है.



मान्यता के अनुसार जब शृष्टि को बचाने के लिए समुद्र मंथन के समय



भोलेनाथ ने विष का पान कर लिया था,



जिससे उनका शरीर जलने लगा, इस कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए सभी देवताओं ने उनका जलाभिषेक करना शुरु दिया.



जलाभिषेक करने से भोलेनाथ को राहत मिली.



इसी के बाद से सावन के दिनों में शिव जी का जलाभिषेक करने की परंपरा शुरु हो गई.



जिससे कांवड़ यात्रा का नाम दिया गया.



आप भोलेनाथ का जलाभिषेक सावन के सोमवार, प्रदोष व्रत के दिन या शिवरात्रि के दिन भी कर सकते हैं.