भारत में एक ऐसा स्कूल भी है, जहां बच्चों को पढ़ाई के लिए फीस नहीं देनी होती

भारत में एक ऐसा स्कूल भी है, जहां बच्चों को पढ़ाई के लिए फीस नहीं देनी होती

यदि बच्चा अपनी पढ़ाई पूरी कर लें तो योग्यतानुसार 6 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है

हम बात कर रहे हैं 125 साल पुरानी श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला की

इस पाठशाला की नींव 1897 में रखी गई. अभी तक यहां से 2,850 विद्यार्थी पढ़कर निकल चुके हैं

इन विद्यार्थियों में से 220 ने पूर्ण संयम जीवन अपनाया है, जबकि दीक्षा लेकर 36 श्रमण भगवंत आचार्य पद पर हैं

इस स्कूल से दीक्षा लेकर कई छात्र आज गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में रह रहे हैं

श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला के अनुसार हर साल 30 विद्यार्थियों का एडमिशन होता है

यहां पेरेंट्स से कोई फीस नहीं ली जाती, बल्कि पढ़ाई के दौरान छात्रों को 5,000 रुपये की स्कॉलरशिप भी मिलती है

इसके अलावा 4 साल की पढ़ाई पूरी करने पर 1 लाख और 6 साल की पढ़ाई पूरी करने पर 2 लाख रुपये दिए जाते हैं

लॉ और ग्रामर के स्पेशल कोर्स के लिए 3 लाख और कुछ प्रतिभाशाली छात्रों को 6 लाख तक का प्रोत्साहन मिला है

श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला में 12,000 किताबों की एक लाइब्रेरी भी है

श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला में 12,000 किताबों की एक लाइब्रेरी भी है