7 अक्टूबर को प्रदोष व्रत है. इस दिन शिव जी की पूजा का उत्तम संयोग बना है.

प्रदोष व्रत प्रत्येक त्रयोदशी की तिथि को रखा जाता है. मान्यता है इस दिन पूजा करने

से शिव जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. प्रदोष काल में जलाभिषेक करने से

सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जीवन में सुख समृद्धि आती है.

भगवान शिव त्रयोदशी की तिथि में प्रदोष काल के समय कैलाश पर्वत पर नृत्य करते

हैं. मान्यता है जो भी इस समय शिव जी की पूजा करता है उसे भोलेनाथ

अपना आशीर्वाद अवश्य प्रदान करते हैं. यही कारण है कि शिव भक्त इस व्रत

का इंतजार करते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव जल के अभिषेक

मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं. इस दिन प्रदोष का मुहूर्त

7 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 22 मिनट से रात्रि 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.