धूम्रपान एक बुरी आदत है. इसके सेवन से आवाज में भारीपन, कैंसर का लक्षण साबित हो सकता है. धूम्रपान को 10 में से 9 लोगों में फेफड़े के कैंसर का सबसे बड़ा कारक माना जाता है. धूम्रपान से वोकल कॉर्ड लंबे समय तक के लिए खराब हो सकती है. वोकल कॉर्ड में डैमेज से आवाज भी जा सकती है. स्मोकिंग से वॉइस बॉक्स इतना ज्यादा खराब हो सकता है कि लैरिंक्स का कैंसर बन सकता है. सभी धूम्रपान करने वालों के 10 से 20 प्रतिशत में फेफड़ों का कैंसर विकसित होता है. सांस फूलना या आवाज का भारी या कर्कश होना इसके लक्षण है. हालांकि समान स्थिती में कुछ घरेलू उपायों से राहत पा सकते हैं. इसके लिए पर्याप्त पानी पीएं और नमक वाले पानी से गरारे करें. परेशानी बने रहने पर डॉक्टर से सुझाव और दवा लें.