राजा जनक ने अपनी बेटी सीता का स्‍वयंवर रचाया था, ये बात तो सबको पता है.



पर राजा जनक ने शिव जी के धनुष पर प्रत्‍यंचा चढ़ाने की ही शर्त आकिर क्यों रखी थी.



आइए जानते है की इस शर्त को रखने की आखिर क्या वजह थी.



एक बार सीता जी पूजा स्‍थल पर सफाई कर रही थी और उन्होंने धनुष को एक हाथ से उठा लिया था.



और उसी समय राजा जनक वहां आ गए थे.



और उन्होंने देखा की सीता जी धनुष को इतनी आसानी से उठाए हुए हैं.



तभी उन्होंने सोच लिया की जो वीर पुरुष इस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा देगा, वही सीता का वर होगा.



और जब सीता जी के स्‍वयंवर समय आया तब राजा जनक ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की प्रतियोगिता रखी थी.



मां सीता के स्‍वयंवर समय में सारे राजा धनुष को अपने बल से उठाने की कोशिश कर रहे थे.



जबकि प्रभु राम ने पहले शिवजी के धनुष को प्रणाम किया.



और फिर धनुष को उठाने का प्रयास किया और आसानी से शिव जी का धनुष उठा लिया.