चित्रकुट को संतों की नगरी भी कहा जाता है

चित्रकुट मंदाकनी नदी के किनारे बसा हुआ है

पहले ये बांदा जिले से जुड़ा हुआ था

लेकिन बाद में इसे काटकर चित्रकुट को नया जिला बनाया

इस जिले का गठन 6मई 1997 में हुआ था

इस जिले के गठन के समय इसकी नीम चित्रकुट नहीं कुछ और था

बता दें, चित्रकुट का पुराना नाम छत्रपति शाहू जी महाराज नगर था

इस जिले का नाम 4 सिंतबर 1998 में बदलकर चित्रकुच रखा गया

इस स्थान पर एक समय में बहुत से अशोक के पेड़ हुआ करते थे जिसकी वजह से इसका नाम चित्रकुट पड़ा