अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान हुए तो कई लोगों ने सवाल किया कि माता सीता का नाम क्यों नहीं है
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अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान हुए तो कई लोगों ने सवाल किया कि माता सीता का नाम क्यों नहीं है



मंगलवार (6 फरवरी, 2024) को राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इसका जवाब दिया
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मंगलवार (6 फरवरी, 2024) को राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इसका जवाब दिया



सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राम मंदिर में 5 साल के बालस्वरूप रामलला को विराजमान किया गया है
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सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राम मंदिर में 5 साल के बालस्वरूप रामलला को विराजमान किया गया है



उन्होंने कहा कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है. जहां राजा राम जी विराजमान होंगे, वहां माता सीता भी होंगी. अभी रामलला हैं तो जय श्री राम ही होगा
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उन्होंने कहा कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है. जहां राजा राम जी विराजमान होंगे, वहां माता सीता भी होंगी. अभी रामलला हैं तो जय श्री राम ही होगा



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सुधांशु त्रिवेदी ने यह भी कहा कि दुनिया में कोई दूसरी संस्कृति नहीं है, जो ईश्वर में स्त्री तत्व को स्थान देती हो. ऐसा सिर्फ भारतीय संस्कृति में है



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उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में हम सीता राम भी कहते हैं, राधे श्याम भी कहते हैं, लक्ष्मी नारायण भी कहते हैं और गौरी शंकर भी कहते हैं



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सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि जब राम मंदिर आंदोलन चल रहा था, हम दोनों को याद करते थे



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सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'मैं बालक के रूप में गया था उस रैली में. मुझे आज भी याद है, हम कहते थे- जन जन के मन में राम रमे और प्राण-प्राण में सीता है'



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'हर हृदय की धड़कन रामायण, पग-पग पर बनी पुनीता है, यदि राम नहीं है श्वासों में तो प्राणों का घट रीता है.'



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उन्होंने आगे कहा, 'हम कहते थे- नर नाहर श्री पुरुषोत्तम का, हम मंदिर भव्य बनाएंगे. सौगंध राम की खाते हैं, हम मंदिर वहीं बनाएंगे.'