साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को वैशाख अमावस्या पर लगेगा. हालांकि ये भारत में नहीं दिखेगा.

सूर्य और चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल लगता है. सूतक की अवधि को अशुभ माना गया है. इसमें शुभ कार्य करना वर्जित है.

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. ऐसे में पूजा, भोजन पकाना-ग्रहण करना, तुलसी को छूने की मनाही है.

सूतक काल शुरू होने से पहले तुलसी पत्र भोजन-पानी में डालना चाहिए. इससे वह अशुद्ध नहीं होता. सूतक में तुलसी पौधे को न छूएं

चूंकी सूतक काल अशुभ है इसलिए इस अवधि में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. गर्भवती को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है.

सूतक काल की अवधि में मंत्रों का उच्चारण करना अच्छा होता है.
इससे ग्रहण के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. परिवार पर संकट नहीं आता.


सूतक में नुकीली वस्तुओं जैसे सुई, कैंची, चाकू आदि का उपयोग किसी काम में नहीं करना चाहिए. इसके अशुभ परिणाम होते हैं