2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल, गुरुवार के दिन लगने जा रहा है. यह ग्रहण 20 अप्रैल की सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12.29 मिनट तक लगेगा.

साल का पहला ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में घटित होगा. ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

भारत में ना दिखाई देने की वजह से यहां इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का कोई धार्मिक प्रभाव नहीं होगा.

ये ग्रहण कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा. ऐसे में सूर्य का एक रिंग यानी अंगूठी की तरह दिखाई देने लगता है. सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने से बचना चाहिए.

सूर्य ग्रहण के दौरान जितना हो सके भगवान सूर्य देव, शिव जी या किसी भी देवी देवता की पूजा-अर्चना करें. इस दौरान किसी भी मूर्ति का स्पर्श करने से बचना चाहिए. ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से बचें.

ग्रहण के दौरान आसपास का वातावरण दूषित हो जाता है. इसलिए ग्रहण के बाद घर का शुद्धिकरण करें और हर कोने में गंगाजल छिड़कें.

ग्रहण खत्म होने के बाद कुछ उपाय जरूर करने चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके शुद्ध होकर फिर ताजा भोजन पका कर खाना चाहिए.

हिन्दू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है. ग्रहण के बाद जल में तुलसी के पत्ते को डालकर ग्रहण करना चाहिए.

स्नान-ध्यान करने के बाद व्यक्ति को भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. सूर्य ग्रहण के बाद सूर्य देव की पूजा करने से कुंडली के दोष समाप्त होते हैं.