शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताज महल बनवाया था

शाहजहां को मुमताज महल से बहुत प्यार था

वो राजपाट में भी बादशाह की मदद करती थी

14वें बच्चे के जन्म के समय 1631 में उनकी मौत हो गई

मुगल सम्राट शाहजहां पर इस मौत का बहुत बुरा असर हुआ

शाहजहां के दरबारी इतिहासकार इनायत ख़ां की किताब में इसका जिक्र है

वो एक हफ्ते तक अपने कक्ष से बाहर नहीं आए

लगातार रोने की वजह से उनकी आंखें कमजोर हो गईं

उन्होंने संगीत सुनना, गाना सब कुछ छोड़ दिया

मुमताज की मौत के कुछ समय बाद उनकी एक तिहाई दाढ़ी सफ़ेद हो गई