तवायफों के खिलाफ एंटी-नाच आंदोलन क्या था



बादशाहों के दरबार की शान होती थी तवायफें



अंग्रेजी शासन ने इनको दिया नाच गर्ल्स नाम



19वीं सदी में शुरु हुआ एंटी-नाच आंदोलन



कई भारतीय और ईसाई संस्थानों ने आंदोलन का किया समर्थन



एंटी-नाच आंदोलन को बढ़ाने के लिए लिखी गई थीं कई किताबें



पूरे देश में जमकर हुआ तवायफों को समाज से हटाने के लिए आंदोलन



एंटी-नाच आंदोलन में खत्म हो गया था तवायफ समाज



पर किसी तरह बच गई उनके कला की विरासत



हालांकि तवायफों को अपना पेट पालने के लिए लेना पड़ा जिस्मफरोशी का रास्ता