आज के डिजिटल जमाने में कोई भी व्यक्ति हैकिंग का शिकार हो सकता है.

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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ऐसे में स्मार्टफोन चलाते समय कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए.

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आप एक ऑथेंटिकेटर ऐप की मदद से हैकिंग और साइबर क्राइम जैसी चीजों से बच सकते हैं.

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Google और Microsoft के कई ऐप्स मौजूद हैं जिन्हें लोग अपनी सेफ्टी के लिए इस्तेमाल करते हैं.

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यह ऐप्स टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए किया जाता है. यह ऐप्स टाइम बेस्ट ओटीपी जनरेट करते हैं. इस ओटीपी को आपको अपने पासवर्ड के साथ एंटर करना होता है.

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इसका मतलब है कि आपको अकाउंट में पासवर्ड डालने के साथ ही ऐप पर आए हुए ओटीपी को भी एंटर करना होगा. इससे आपको एक एक्सट्रा लेयर की सिक्योरिटी मिल जाती है.

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अगर किसी के हाथ आपका अकाउंट आ भी जाता है तो वह बिना लेटेस्ट कोड के नहीं लॉगिन होगा.

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वहीं ऐप पर आया हुआ ओटीपी मात्र 30 सेकेंड के लिए ही मान्य रहता है.

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ऐप को कोड जनरेट करने के लिए इंटरनेट की जरूरत भी नहीं पड़ती है जिससे इसे हैक करना भी काफी मुश्किल है.

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वहीं कोड्स उसी डिवाइस में आते हैं जिस डिवाइस में यह ऐप मौजूद होता है इसीलिए इन्हें हैक कर पाना काफी मुश्किल होता है.

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