स्मार्टफोन स्विच ऑफ होने पर भी उसकी बैटरी और हार्डवेयर के कुछ हिस्से सक्रिय रहते हैं, जो ट्रैकिंग को संभव बना सकते हैं.

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कुछ स्मार्टफोन में हार्डवेयर लेवल पर चिप्स मौजूद होते हैं, जो डिवाइस की लोकेशन डेटा को ट्रैक और स्टोर कर सकते हैं.

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आधुनिक स्मार्टफोन्स में GPS मॉड्यूल कभी-कभी बैकग्राउंड में सक्रिय रह सकता है, भले ही फोन बंद हो.

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स्विच ऑफ फोन में भी सिम कार्ड के जरिए टावर लोकेशन का पता लगाया जा सकता है.

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अगर स्मार्टफोन में कोई मालवेयर या ट्रोजन इंस्टॉल है, तो वह स्विच ऑफ होने पर भी बैटरी या अन्य सेंसर का इस्तेमाल करके लोकेशन डेटा ट्रांसमिट कर सकता है.

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Find My Device जैसे फीचर्स सक्षम होने पर, स्विच ऑफ फोन का अंतिम लोकेशन डेटा क्लाउड में सेव हो सकता है, जिसे ट्रैक किया जा सकता है.

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उन्नत तकनीकों से कुछ डिवाइस फैक्ट्री सेटिंग्स को बायपास कर सकते हैं, जिससे फोन ट्रैक हो सकता है.

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सरकारी एजेंसियां या हाई-लेवल साइबर सिक्योरिटी टीमें विशेष उपकरणों के जरिए स्विच ऑफ फोन की लोकेशन का पता लगा सकती हैं.

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अगर फोन की बैटरी रिमूवेबल नहीं है, तो स्विच ऑफ होने पर भी कुछ सर्किट सक्रिय रह सकते हैं, जो ट्रैकिंग में मदद करते हैं.

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ट्रैकिंग से बचने के लिए फोन की बैटरी को पूरी तरह से निकालना, सिम कार्ड को हटाना और Find My Device जैसे फीचर्स को डिसेबल करना प्रभावी हो सकता है.

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