स्मार्टफोन से करते हैं फोटोग्राफी लेकिन क्या आपको पता है क्या होता है OIS?

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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OIS यानी ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइज़ेशन, जो फोटो और वीडियो में ब्लर कम करने के लिए लेंस या सेंसर को स्थिर रखता है.

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यह छोटे मोटर और जाइरोस्कोप सेंसर की मदद से हाथों की हलचल को डिटेक्ट कर लेंस को अपोज़िट डायरेक्शन में शिफ्ट करता है.

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जब आप फोन पकड़कर फोटो लेते हैं और आपका हाथ हल्का हिलता है, तो OIS इसे संतुलित कर फोटो को शार्प बनाए रखता है.

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लो-लाइट में कैमरा ज्यादा समय तक शटर खुला रखता है, जिससे ब्लर होने की संभावना रहती है. OIS इसे कम करके क्लियर इमेज देता है.

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यह चलते-फिरते या हिलते हुए वीडियो शूट करने पर झटकों (shakes) को कम करके स्मूद वीडियो देता है.

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OIS हार्डवेयर बेस्ड टेक्नोलॉजी है, जबकि EIS (इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबिलाइज़ेशन) सॉफ्टवेयर के जरिए इमेज को स्टेबल बनाता है.

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OIS से इमेज डिटेल्स और शार्पनेस बेहतर होती है, जिससे प्रोफेशनल-लेवल फोटोग्राफी मुमकिन होती है.

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ज़ूम करने पर हाथ की हलचल ज्यादा प्रभाव डालती है, इसलिए टेलीफोटो लेंस में OIS खासतौर पर महत्वपूर्ण होता है.

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OIS हार्डवेयर आधारित तकनीक होने के कारण हल्की बैटरी खपत करता है, लेकिन इसका प्रभाव ज्यादा नहीं होता. OIS आमतौर पर फ्लैगशिप और प्रीमियम मिड-रेंज स्मार्टफोन्स में ही मिलता है.

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