अगर आपके फोन में बैटरी रिमूवेबल नहीं है, तो इसे बंद करने पर भी कुछ चिप्स और सेंसर सक्रिय रह सकते हैं, जो डेटा संग्रह कर सकते हैं. अगर आपके फोन में कोई मैलवेयर या स्पाईवेयर इंस्टॉल है, तो यह बैकग्राउंड में माइक्रोफोन को सक्रिय रख सकता है, भले ही फोन बंद हो. फोन में मौजूद वर्चुअल असिस्टेंट (जैसे, Google Assistant या Siri) की कुछ सेवाएं सक्रिय हो सकती हैं और आपकी बातचीत रिकॉर्ड कर सकती हैं. स्मार्टफोन के सेंसर्स और हार्डवेयर कुछ मामलों में पावर डाउन होने के बावजूद बैकग्राउंड में काम करते रह सकते हैं. हैकर्स या सरकारी एजेंसियां स्मार्टफोन की फर्मवेयर को मॉडिफाई कर आपके फोन को ट्रैक या मॉनिटर कर सकती हैं, भले ही वह बंद हो. स्मार्टफोन पूरी तरह से बंद नहीं होते, बल्कि पावर सेविंग मोड में चले जाते हैं, जहां कुछ फीचर्स (जैसे GPS) सक्रिय रह सकते हैं. कुछ फोन में माइक्रोफोन और कैमरा ऐसे सर्किट पर होते हैं, जो फोन के बंद होने पर भी पावर प्राप्त कर सकते हैं. अगर आपका फोन हैक हो चुका है, तो उसमें इंस्टॉल किए गए स्पाईवेयर इसे बंद होने के बावजूद आपकी बातें सुन सकते हैं. कुछ ऐप्स बैकग्राउंड में आपके व्यवहार और बातचीत को रिकॉर्ड कर सकती हैं, जिन्हें पावर ऑफ के बाद भी सक्रिय रखा जा सकता है. बैटरी निकलने वाले फोन का उपयोग करें, फोन को नियमित रूप से स्कैन करें, संदिग्ध ऐप्स को डिलीट करें, और माइक्रोफोन-कैमरा कवर का इस्तेमाल करें.