स्कैमर्स ने लोगों को ठगने के लिए अब अदालती नोटिस जैसे फर्जी ईमेल भेजने का नया तरीका अपनाया है. ये ईमेल आपको डराने और पैसे वसूलने के लिए होते हैं.

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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ईमेल में दावा किया जाता है कि आपके इंटरनेट उपयोग के खिलाफ कोर्ट का आदेश जारी हुआ है और आप पर अवैध गतिविधियों का आरोप है.

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भारत सरकार ने इस प्रकार के ईमेल को स्कैम घोषित किया है. PIB फैक्ट चेक हैंडल ने सोशल मीडिया पर लोगों को इसके प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है.

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ईमेल में अक्सर आरोप लगाया जाता है कि आपने इंटरनेट पर प्रतिबंधित सामग्री देखी है. इसे विश्वसनीय बनाने के लिए प्रोसेक्यूटर के फर्जी हस्ताक्षर भी जोड़े जाते हैं.

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असली कानूनी नोटिस कभी ईमेल के माध्यम से नहीं भेजा जाता. अदालतें केवल हार्ड कॉपी के रूप में आधिकारिक डाक द्वारा नोटिस भेजती हैं.

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ईमेल में दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. ये लिंक आपके डिवाइस को हैक करने और आपकी जानकारी चुराने के लिए होते हैं.

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अगर ऐसा ईमेल मिले तो घबराएं नहीं. यह एक आम स्कैम है जिसका उद्देश्य आपको धोखा देना है.

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ऐसी संदिग्ध ईमेल तुरंत cybercrime.gov.in पर फॉरवर्ड करें ताकि साइबर अपराध शाखा इसे ट्रैक कर सके.

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यह ध्यान रखें कि इंटरनेट उपयोग की निगरानी और कानूनी कार्रवाई के नाम पर धमकी देना स्कैमर्स की चाल है.

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इस तरह के स्कैम से बचने के लिए खुद सतर्क रहें और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें.

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