डिजिटल अवतार

AI की मदद से मरे हुए लोगों के आधार पर डिजिटल अवतार बनाए जा सकते हैं, जो उनकी आवाज़, चेहरे के हावभाव और बोलने के तरीके की नकल करते हैं.

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट

AI टेक्नोलॉजी उनके पूर्व संदेशों और इंटरैक्शन से सीखकर चैटबॉट बना सकती है, जो मरे हुए व्यक्ति की तरह जवाब देती है.

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आवाज की नकल

AI, आवाज़ को विश्लेषित कर उसे पुनः बनाता है, जिससे मरे हुए व्यक्ति की आवाज़ को फिर से सुना जा सकता है.

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वीडियो रिक्रिएशन

AI की मदद से पुराने वीडियो और फोटो का उपयोग करके मरे हुए लोगों के वीडियो बनाए जा सकते हैं, जिससे ऐसा लगता है जैसे वे फिर से जिंदा हो गए हों.

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स्मृतियों को जीवंत करना

AI, मरे हुए व्यक्ति की यादों, सोशल मीडिया पोस्ट्स और इंटरैक्शन का विश्लेषण कर उनके जीवन की एक डिजिटल कहानी बना सकता है.

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इमर्सिव अनुभव

वर्चुअल रियलिटी (VR) और AI का उपयोग करके मरे हुए लोगों के साथ संवाद का एक इमर्सिव अनुभव दिया जा सकता है, जैसे वे असल में सामने हों.

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आभासी कब्रें

AI आधारित वर्चुअल मेमोरियल बनाए जा रहे हैं, जहाँ लोग मरे हुए व्यक्ति के डिजिटल अवतार से बात कर सकते हैं या उनकी यादों का अनुभव कर सकते हैं.

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डेटा से पुनर्निर्माण

AI, व्यक्ति के डिजिटल डेटा (जैसे ईमेल, टेक्स्ट्स, सोशल मीडिया) का उपयोग करके उनकी सोचने और संवाद करने की शैली को नकल कर सकता है.

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इमोशनल सपोर्ट

AI द्वारा बनाया गया मरे हुए व्यक्ति का डिजिटल वर्जन भावनात्मक सपोर्ट प्रदान करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो उनके खोने से दुखी हैं.

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नैतिक चुनौतियां

यह तकनीक नैतिक रूप से विवादास्पद भी है, क्योंकि यह सवाल उठाता है कि क्या मरे हुए लोगों की निजता और यादों का इस तरह से उपयोग करना सही है या नहीं.

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