ATM का उपयोग करने के लिए सबसे पहले डेबिट या क्रेडिट कार्ड को मशीन में स्वाइप या इन्सर्ट किया जाता है. मशीन कार्ड पर मौजूद मैग्नेटिक स्ट्रिप या चिप को पढ़ती है.

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कार्ड धारक को चार अंकों का पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर (PIN) दर्ज करना होता है, जिससे उनकी पहचान सत्यापित होती है.

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एटीएम नेटवर्क बैंक सर्वर से जुड़ता है और पिन को सत्यापित करता है. यदि पिन सही है, तो लेनदेन आगे बढ़ता है.

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उपयोगकर्ता एटीएम स्क्रीन पर कैश विड्रॉल, बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट, या अन्य सेवाओं में से एक विकल्प चुनता है.

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कैश निकालने के लिए उपयोगकर्ता को वांछित राशि दर्ज करनी होती है. मशीन जांच करती है कि खाते में पर्याप्त बैलेंस है या नहीं.

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एटीएम का सॉफ्टवेयर बैंक के सर्वर से जुड़ता है और खाते की डिटेल्स को सत्यापित करता है.

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यदि लेनदेन सत्यापित हो जाता है, तो एटीएम का कैश डिस्पेंसर यूनिट मशीन में मौजूद करेंसी नोट्स की गिनती करता है और तय राशि निकालता है.

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लेनदेन की पुष्टि के बाद मशीन रसीद (अगर चुनी हो) प्रिंट करती है, जिसमें लेनदेन का विवरण होता है.

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लेनदेन पूरा होने के बाद मशीन कार्ड को वापस कर देती है.

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एटीएम मशीन हर लेनदेन का रिकॉर्ड रखती है और सुरक्षा के लिए कैमरे और एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग करती है. यह धोखाधड़ी को रोकने में मदद करता है.

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