YouTube से कमाई का मुख्य स्रोत विज्ञापनों से आता है, और 500 व्यूज पर कमाई विज्ञापन दिखने की संख्या पर निर्भर करती है.

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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YouTube पर कमाई CPM के आधार पर होती है, जो हर 1000 व्यूज पर विज्ञापनदाता कितना भुगतान करते हैं, यह दर्शाता है. CPM विभिन्न श्रेणियों में भिन्न हो सकता है.

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भारत जैसे देशों में CPM की दर अमेरिका और यूरोप की तुलना में कम होती है, इसलिए भारतीय यूट्यूबर्स की कमाई अपेक्षाकृत कम हो सकती है.

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जिस श्रेणी की वीडियो है, जैसे टेक्नोलॉजी, फाइनेंस, या एंटरटेनमेंट, उस पर भी CPM की दर निर्भर करती है. टेक और फाइनेंस वीडियोज़ की CPM दर ज्यादा हो सकती है.

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हर व्यू पर विज्ञापन नहीं दिखता. लगभग 30-50% व्यूज पर ही विज्ञापन दिखाया जाता है, इसलिए 500 व्यूज का मतलब 500 विज्ञापन नहीं होते.

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अगर दर्शक वीडियो में दिखाए गए विज्ञापन पर क्लिक करते हैं या उसे पूरा देखते हैं, तो कमाई ज्यादा हो सकती है.

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नॉन-स्किपेबल विज्ञापनों से ज्यादा कमाई होती है, जबकि स्किपेबल विज्ञापन से कमाई कम होती है.

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YouTube प्रीमियम उपयोगकर्ताओं से भी वीडियो क्रिएटर को एक छोटी राशि मिलती है, भले ही उन्होंने विज्ञापन न देखा हो.

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500 व्यूज पर YouTube से औसत कमाई कुछ सेंट से लेकर 1 डॉलर तक हो सकती है, जो विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है.

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YouTube अपनी कमाई का 45% हिस्सा रखता है, और बाकी 55% क्रिएटर को मिलता है, जिससे क्रिएटर की कुल कमाई पर असर पड़ता है.

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