किसी आरोपी के सच और झूठ को पता लगाने के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट या लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाता है

Published by: एबीपी टेक डेस्क

इसमें शरीर को मशीन से अटैच कर सेंसर से आ रहे सिग्नल से मूवमेंट रिकॉर्ड किए जाते हैं

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भारत में पॉलीग्राफी मशीनें प्रेस्टो इंफोसॉल्यूशंस, मेडिकैम रिलायबल टेस्टिंग सॉल्युशंस जैनी कंपनियां बनाती हैं.

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पॉलीग्राफी मशीनें खासतौर पर सरकारी एजेंसियों के लिए बनाई जाती हैं

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बता दें कि अमेरीका की Lafayette Instrument कंपनी दुनिया की टॉप पॉलीग्राफ मशीन सप्लाई करती है. वहीं, यूएसए की Stoelting Co. और Keeler Polygraph भी ये मशीनें बनाती हैं

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प्राइवेट संस्था या व्यक्ति भी इस पॉलीग्राफी मशीन को खरीद सकता है

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हालांकि, इस मशीन को खरीदने के लिए वैलिड वजह बतानी पड़ती है

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कुछ देशों में कानूनी नियमों के मुताबिक ही पॉलीग्राफी मशीन को खरीदने की अनुमति दी जाती है. वहीं. कुछ देशों में आम नागरिक भी लाइसेंस लेकर ये मशीन खरीद सकता है

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बता दें कि इस मशीन की कीमत उसके ब्रांड, मॉडल और साइज पर निर्भर करता है.

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इसके बेसिक मॉडल की कीमत 2.5 लाख से 4 लाख तक होती है. वहीं, एडवांस फीचर वाली मशीन 8 से 12 लाख रुपये की आती है.

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