अल्ट्रासाउंड मशीन उच्च-आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों (सोनार) का उपयोग करती है, जो शरीर के अंदरूनी अंगों से टकराकर वापस आती हैं और इससे पेट के अंदर की छवि बनती है.

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अल्ट्रासाउंड की मदद से पेट के अंदर के अंगों और संरचनाओं की वास्तविक समय में छवि देखी जा सकती है, जिससे डॉक्टर तुरंत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगें शरीर के विभिन्न प्रकार के टिश्यू, तरल और ठोस अंगों से अलग-अलग तरीके से परावर्तित होती हैं, जिससे डॉक्टर उन अंगों की स्थिति को समझ सकते हैं.

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पेट पर एक विशेष जेल लगाया जाता है, जो ध्वनि तरंगों को बेहतर तरीके से शरीर के अंदर भेजने और प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे साफ छवि प्राप्त होती है.

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अल्ट्रासाउंड से पेट के अंगों (जैसे लीवर, किडनी, गॉल ब्लैडर, और पैनक्रियास) की स्थिति, आकार और संरचना का पता लगाया जा सकता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति का विश्लेषण होता है.

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अल्ट्रासाउंड गर्भवती महिलाओं में भ्रूण की स्थिति, विकास, और स्वास्थ्य की जांच के लिए भी इस्तेमाल होता है. इससे बच्चे की गतिविधियां और दिल की धड़कन का पता चलता है.

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डॉपलर अल्ट्रासाउंड का उपयोग रक्त वाहिकाओं में रक्त के प्रवाह की गति और दिशा को मापने के लिए किया जाता है, जिससे पेट में रक्त प्रवाह से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है.

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अल्ट्रासाउंड की मदद से पेट के अंदर किसी भी असामान्य संरचना, जैसे ट्यूमर, सिस्ट, या सूजन का पता लगाया जा सकता है, जिससे सही निदान संभव होता है.

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अल्ट्रासाउंड से पेट में मौजूद आंतों और पाचन तंत्र की समस्याओं का पता लगाया जा सकता है, जैसे आंतों में अवरोध, गॉलस्टोन, या अपेंडिक्स की सूजन.

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अल्ट्रासाउंड एक गैर-इनवेसिव, दर्दरहित, और सुरक्षित तकनीक है, जिसमें रेडिएशन का उपयोग नहीं होता, जिससे इसे बार-बार किया जा सकता है बिना किसी स्वास्थ्य खतरे के.

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