फ्लाइट वाई-फाई में एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जो डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करता है. फ्लाइट वाई-फाई एक पब्लिक नेटवर्क होता है, जिससे डेटा चोरी का खतरा बना रहता है. कई बार फ्लाइट वाई-फाई के पासवर्ड आसान या सार्वजनिक होते हैं, जिससे हैकिंग का खतरा बढ़ सकता है. सुरक्षित ब्राउज़िंग के लिए केवल HTTPS वाली वेबसाइट्स का ही उपयोग करें. VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल आपके डेटा को और अधिक सुरक्षित बनाता है. फ्लाइट वाई-फाई पर बैंकिंग, पासवर्ड शेयरिंग जैसे संवेदनशील काम न करें. फ्लाइट वाई-फाई हैकर्स को आकर्षित कर सकता है, जिससे साइबर अटैक का खतरा बढ़ जाता है. हर एयरलाइन की वाई-फाई सुरक्षा नीति अलग होती है; इसे समझना जरूरी है. अनजाने लिंक या वेबसाइट्स पर क्लिक करने से मलवेयर डाउनलोड हो सकता है. फ्लाइट वाई-फाई पर एयरलाइन्स या अन्य एजेंसियां आपके ब्राउज़िंग डेटा को मॉनिटर कर सकती हैं.