इस्लाम टेक्नोलॉजी के उपयोग को मना नहीं करता, जब तक इसका सही तरीके से इस्तेमाल हो.

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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इस्लाम में हर कार्य की नियत महत्वपूर्ण होती है. यदि इंस्टाग्राम का उपयोग सकारात्मक और नैतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो इसे हराम नहीं माना जाएगा.

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इस्लाम में हराम (निषिद्ध) सामग्री देखना या फैलाना मना है, जैसे अश्लीलता या गलत सूचनाएँ. इंस्टाग्राम पर ऐसी सामग्री से बचना चाहिए.

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इस्लाम में समय का सदुपयोग करने पर जोर दिया जाता है. अगर इंस्टाग्राम पर अत्यधिक समय बर्बाद होता है, तो यह नकारात्मक माना जा सकता है.

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अगर इंस्टाग्राम का उपयोग धार्मिक कर्तव्यों से ध्यान हटाता है, तो इसे गलत माना जा सकता है.

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इस्लाम सादगी और विनम्रता को बढ़ावा देता है. इंस्टाग्राम पर दिखावा करना और अत्यधिक ध्यान खींचने वाली तस्वीरें पोस्ट करना नकारात्मक हो सकता है.

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इस्लाम में अच्छे आचरण और संबंधों की सलाह दी गई है. अगर इंस्टाग्राम से नकारात्मक सामाजिक प्रभाव या गॉसिप बढ़ता है, तो इसे गलत समझा जा सकता है.

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इस्लाम में गोपनीयता का सम्मान करना अनिवार्य है. इंस्टाग्राम पर अपनी या दूसरों की निजी जानकारी को शेयर करने से पहले ध्यान देना चाहिए.

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यदि इंस्टाग्राम का उपयोग इस्लामी शिक्षा फैलाने, अच्छे संदेशों या सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता है, तो यह एक सकारात्मक माध्यम हो सकता है.

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कुछ विद्वान इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोग पर सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, जबकि कुछ इसे नैतिक और उद्देश्यपूर्ण उपयोग के आधार पर स्वीकार्य मानते हैं.

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