सरकार ने फर्जी सिम कार्ड और साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए हैं. ऐसे यूजर्स को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा जो दूसरों के नाम पर सिम कार्ड लेते हैं या फ्रॉड करते हैं.
Published by: एबीपी टेक डेस्क
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फर्जी कॉल्स और एसएमएस पर लगाम लगाने के लिए ट्राई और दूरसंचार विभाग (DoT) ने सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे लाखों फर्जी मोबाइल नंबर बंद किए जा चुके हैं.
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दूरसंचार विभाग ने ऐसे यूजर्स की सूची बनानी शुरू कर दी है, जिन्हें भविष्य में सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा.
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साइबर अपराध करने वालों को साइबर सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए विशेष कैटेगरी में डाला जाएगा.
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जिन यूजर्स को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा, उनके नाम पर 6 महीने से 3 साल तक नया सिम कार्ड जारी नहीं होगा.
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दूसरों के नाम पर सिम कार्ड जारी करवाना और फर्जी मैसेज भेजना अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है.
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2025 से ब्लैकलिस्टेड यूजर्स की सूची सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ साझा की जाएगी, ताकि उनके नाम पर कोई नया सिम जारी न हो सके.
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ऐसे यूजर्स को 7 दिनों में जवाब देने के लिए नोटिस भेजी जाएगी. जवाब न देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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सरकार जनहित के मामलों में बिना नोटिस दिए भी सिम कार्ड ब्लॉक कर सकती है और ब्लैकलिस्ट कर सकती है.
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साइबर सुरक्षा से जुड़े नियम नवंबर में अधिसूचित किए गए, जिनमें कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं. यह कदम साइबर फ्रॉड को खत्म करने के लिए प्रभावी साबित होंगे.