मोबाइल नंबर पोर्टे यानी MNP कराने के लिए TRAI ने हाल ही में एक नई गाइडलाइंस जारी की है. ट्राई ने ग्राहकों को ऑपरेटर बदलने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में बताया है. MNP यानी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें ग्राहक बिना अपना मोबाइल नंबर बदले अपने सर्विस प्रोवाइडर बदल सकते हैं. हाल के दिनों में निजी टेलीकॉम कंपनियों के प्लान महंगे होने के बाद लाखों की संख्यां में यूजर्स ने BSNL में अपना नंबर पोर्ट कराया है. अगर, आप भी अपना ऑपरेटर बदलना चाहते हैं तो ट्राई की नई गाइडलाइंस को फॉलो करें. अगर, कोई यूजर मौजूदा टेलीकॉम ऑपरेटर की सर्विस 90 दिनों से कम इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वो मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी के लिए एलिजिबल नहीं हैं. अगर यूजर के नंबर की ओनरशिप ट्रांसफर का रिक्वेस्ट प्रोसेस में है, तो भी MNP नहीं हो सकता है. पोस्टपेड यूजर्स ने अगर मौजूदा ऑपरेटर का बिल नहीं चुकाया है, तो भी उनका नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए एलिजिबल नहीं होगा. यूजर का नंबर पोर्ट कराना अगर किसी अदालत द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, तो भी नंबर पोर्ट नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा जिस नंबर के लिए पोर्टिंग रिक्वेस्ट की मांग की गई है, वह किसी न्यायालय में विचाराधीन है, तो भी नंबर पोर्ट नहीं हो सकता है.