Tata ने अपना पहला सिम कार्ड वर्ष 1996 में लॉन्च किया था.

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Tata Teleservices ने CDMA तकनीक आधारित सेवाओं की शुरुआत की थी.

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टाटा की शुरुआत CDMA (Code Division Multiple Access) तकनीक पर आधारित थी, GSM नेटवर्क बाद में शुरू हुआ.

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टाटा ने अपनी टेलीकॉम सेवाएं सबसे पहले आंध्र प्रदेश राज्य में शुरू की थी.

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टाटा ने बाद में 2008 में GSM सेवाओं के लिए जापानी कंपनी NTT Docomo के साथ साझेदारी की, और GSM आधारित Tata Docomo सेवाएँ शुरू कीं.

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Tata Docomo की पल्स पर सेकंड दर की वजह से मोबाइल सेवाओं की लागत में बड़ा परिवर्तन आया.

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टाटा के सिम कार्ड ने किफायती मोबाइल प्लान्स की पेशकश की, जिससे मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल सेवाएँ अधिक सुलभ हो गईं.

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टाटा की दूरसंचार सेवाओं ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सेवाओं का विस्तार किया.

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2017 में, टाटा टेलीसर्विसेस ने अपने दूरसंचार व्यवसाय का विलय भारती एयरटेल के साथ किया.

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हालांकि अब टाटा की दूरसंचार सेवाएं नहीं हैं, लेकिन उन्होंने भारतीय दूरसंचार उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और उपयोगकर्ताओं को सस्ती सेवाएँ प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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