रानी दिद्दा ऐसी विरांगना थीं, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में बखूबी दर्ज है

उनके पास तेज़ दिमाग और बाजी पलटने का हुनर था

उन्हें ‘कश्मीर की रानी’ के नाम से भी जाना जाता है

पति की मृत्युसैय्या पर दिद्दा ने प्रण लिया कि वो उनके साम्राज्य को ग़लत हाथों से बचाएंगी

इसी के चलते दिद्दा ने कई नए नियम बनाए

पुरुषों के इस समाज में उन्होंने अपनी अलग जगह बनाई

उन्होंने 35 हज़ार सेना का मुक़ाबला 500 सैनिकों के साथ किया और 45 मिनट में जंग जीत ली

खुंखार महमूद गजनवी भी उनकी वीरता के आगे हार गया

गजनवी को रानी दिद्दा ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार धूल चटाई थी